हम चलिए भूतों की पोल पट्टी खोलते हैं देखो भारत में कोई मुश्किल ही ऐसा होगा जिसने भूत पिशाच ऊपरी आप जावेद जाफरी इनका नाम ना सुना हो और जावेद जाफरी कुछ ऐसी रस मत लेना वो तुकबंदी के लिए लगा दिया तो चलिए आइए जानते हैं कि विज्ञान की नजरों से भूत पिशाच आखिर हैं क्या और विज्ञान को इनके बारे में कितना पता है देखो अब मैं आपको जो कुछ भी बताने जा रहा हूं उसे गलती से भी मेरे अपने विचार मत समझ लेना बल्कि मैं आपको वो बताऊंगा जो मैंने पढ़ा है और आपके पढ़ने के लिए उसका सोर्स भी दूंगा तो पहला सवाल हमारे सामने आता है कि भूतों का कांसेप्ट आखिर आया कहां से तो देखो इसका कोई एग्जैक्ट आंसर तो मुझे नहीं मिला लेकिन फिर भी खोजबीन करते-करते जानकारी के भेड़िए पर एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें यह लिखा था कि लोगों को डराने के लिए और सही रास्ते पर चलाने के लिए अलग-अलग धर्मों के प्रचारकों ने इस तरह की मनगढ़ंत चीजें गढ़ी हैं और जानकारी के भेड़िए से मेरा मतलब है विकपीडिया अब जहां से मुझे यह पता लगा है उस आर्टिकल को पढ़ने का लिंक मैं आपसे शेयर कर दूंगा





 आराम से पढ़ लेना अब आगे चलो तो देखो जी समाज में भूतों की एंट्री हो चुकी थी और अब बारी थी इनसे पैसा कमाने की यानी एंट्री होती है भूतों के नाम पर ठगों की जो बढ़िया पैसे छाप रहे थे मतलब किसी का अपना मर गया तो $.5 में वन टू वन फेस टू फेस बात करा देंगे लेकिन आप यह सोच रहे होंगे कि भैया ऐसी हरकत का शौक किसे चढ़ा होगा मतलब कोई क्यों ही किसी मरे हुए इंसान से बात करना चाहेगा भाई साहब बिल्कुल चाहेगा देखो बहुत लोगों को अपने सगे संबंधियों का इतना ज्यादा दुख पहुंचता है मतलब दुख तो सबको होता है लेकिन कुछ लोग इस दुख को झेल नहीं पाते तो वो लोग ऐसा रास्ता चुनते हैं अब जब मार्केट में भूत प्रेतों की डिमांड हो तो जाहिर सी बात है सप्लाई तो मेंटेन करना बनता है तो बस लोगों ने मार्केट में भूत की आत्माओं की डिमांड क्रिएट कर दी अब देखो यह तो कहानी का सिर्फ एक ही पहलू है मतलब किसी को भूत से मिलना है तो किसी को भूत से छुटकारा चाहिए अब जैसी डिमांड वैसी सप्लाई और भाई साहब यह झाड़ फूंक और सीधा ऊपर कांटेक्ट कराने वाले बाबाओं ने इस सप्लाई को पूरा कर दिया धंधा चल पड़ा फिर इसमें एंट्री हुई राइटर्स की जिन्होंने भूतिया कहानियां लिखी हैं फिर इसमें थिएटर आर्टिस्ट जुड़ गए मूवीज बनने लगी और यह भूत प्रेत आत्माएं हमारे बीच में रच बस गई चलो यह तो हो गई कांसेप्ट की बातें कि आखिर यह सब आया कहां से अब देखो यह सब तो ठीक है लेकिन आखिर साइंटिफिक लॉजिक इन सारी चीजों के बारे में क्या सोचता है मतलब विज्ञान ने भी तो कुछ बताया होगा तो जी अब आता है पहला कांसेप्ट पैराडोलिया अब यह क्या चीज है तो देखो इस कांसेप्ट के हिसाब से हमारा दिमाग किसी भी रैंडम चीज को एक मीनिंग देने की कोशिश करता है उदाहरण के लिए बादलों में किसी की शक्ल या फिर अगल-बगल या दीवार पर किसी परछाई को कुछ मीनिंग देना यह है वो पहली एक्सप्लेनेशन जो वैज्ञानिकों ने जिन लोगों के द्वारा भूत प्रेत देखे गए हैं उसके पीछे के कारण को समझाने के लिए दी है यानी पैराडोलिया बार-बार लगातार की गई रिसर्च से ये पता लगा है कि जितना ज्यादा लोग इस तरह की चीजों को इंटरप्रेट करने की कोशिश करते हैं यानी कि उनसे मीनिंग निकालने की कोशिश करते हैं अलग-अलग चीजों से रिलेट करने की कोशिश करते हैं तो भूत प्रेत से जुड़ी हुई घटनाओं में उनके यकीन करने की संभावनाएं उतनी ही ज्यादा हैं अब साइंटिफिकली इस काम के लिए दो कंडीशन पूरी होनी चाहिए पहला तो आप अनजानी चीजों में ऐसे पैटर्न को ढूंढने लग जाएं जो वहां पर है ही नहीं और दूसरा सुपर नेचुरल चीजों में आपका विश्वास पहले से ही होना चाहिए अगर यह दोनों चीजें मिल गई तो आपको सुपर नेचुरल चीजें दिखने की संभावनाएं कई सौ गुना बढ़ जाएंगी अब आता है सवाल किसके फूफा ने करी है यह रिसर्च तो भाई साहब यह हैं जेस एम विलियम्स एंड मार्क बेलग्रोव और यह अकेले नहीं है और भी दुनिया भर के ऐसे रिस्चरर्स भरे पड़े हैं जिनकी सबकी रिसर्च लगभग लगभग सेम ही है चिंता ना करो पढ़ने के लिए पेपर मिल जाएगा चलो आपको एक किस्सा सुनाता हूं बात है सन 2024 की दो सरफिरे भूतों से गुफ्तगू करने के लिए दुनिया के सबसे डरावने टापू पर जाते हैं नाम है पोगलिया या वैजलिया एल जो भी है तो सबसे पहले इन्हें भूतों ने धर लिया वहां से जान बची तो पुलिस ने धर लिया अब असलियत में हुआ क्या यह सुनो भाई साहब यह टापू है वेनिस में यानी इटली में इस छोटे से टापू पर 1ज़ लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था या कैद कर लिया गया था और उसके बाद से जो भी इंसान यहां पर गया वो भूतों के द्वारा निपटा दिया गया यह इटली में एक ऐसी जगह है जहां पर कोई भी अगर जाने की कोशिश करता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है इन शॉर्ट अगर कोई इंसान यहां से अंधेरा होने से पहले ना निकले तो अगले दिन उसकी खबर सीधा अखबार में ही मिले तो अब भाई साहब सन 2024 में दो ऊटपटांग यूट्यूबर इस आइलैंड पर रात बिताने का फैसला करते हैं पुलिस से बच-बचाते हुए पहुंच जाते हैं अब इनके पास रेडियो पोर्टेबल सीसीटीवी साउंड डिटक्टर्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक अनोली डिटक्टर इमरजेंसी लाइट मेडिकल किट और ना जाने दुनिया भर का कौन-कौन सा तामझाम लेकर यह वहां पहुंच गए और अंधेरा होने से पहले यह अपनी जांच पड़ताल शुरू कर देते हैं बल्कि इन्होंने शूटिंग-वूटिंग करी और डर की वजह से जल्दी ही बुद्धि ठिकाने पर आ गई और यह शाम होने से पहले वहां से निकल लिए लेकिन बाद में इन्होंने अपनी वीडियो पर यह बताया कि इन्होंने वहां पर लगभग रात के 8-9 घंटे बिता दिए जो कि सरासर झूठ था क्योंकि निकलने के वक्त इन्हें पुलिस के द्वारा धर लिया गया और इंटेरोगेशन में इन्होंने सब उगल दिया लेकिन कमाल की बात यह थी कि इन्होंने वहां पर जो साउंड रिकॉर्ड किए थे उसमें कुछ ना कुछ मैसेजेस थे इसके बाद पुलिस ने किया अपनी शक्तियों का इस्तेमाल और इनसे कहा बेटा मुसद्दी लाल अब तुम वो बोलोगे जो हम कहेंगे और इन्होंने YouTube पर यह कहा कि इन्हें वहां कोई भी भूत ना मिला वैसे इनके द्वारा जो वीडियो अपलोड की गई है मैं आपको उसका लिंक दे दूंगा आराम से देख लेना अगर खंडर झाड़ झुंड देखने का शौक है तो अब देखो इस घटना से दो बातें निकलती हैं पहली तो यह भी हो सकता है कि पुलिस के द्वारा दबाव डालकर सही जानकारी को छुपा लिया गया हो और दूसरी यह कि पुलिस ने दबाव डालकर इनसे जबरदस्ती सही जानकारी देने के लिए कहा हो क्योंकि देखो आपको तो पता ही है व्यूज यूज़ के लिए लोग कुछ भी करते हैं तो यहां पर दोनों बातें हो सकती हैं और असलियत में भूत प्रेत का मामला कुछ ऐसा ही है जो माने उसके लिए सब है जो ना माने उसके लिए कुछ भी नहीं अब आगे सुनो इसके अलावा एक और स्टडी से यह पता लगा है कि अगर कोई क्रेडिबल सोर्स आपसे यह कहता है कि भई भूत पिशाच या आत्माएं वगैरह यह रियल है तो आपके द्वारा उस बात पे यकीन करने की संभावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं अब भैया ये क्रेडिबल सोर्स क्या चीज है तो रिसर्च के अकॉर्डिंग बच्चे और साइंटिस्ट इन्हें क्रेडिबल सोर्स माना गया है अब इसका तो लॉजिक बड़ा सिंपल सा है बच्चे झूठ बोलते नहीं है मतलब छोटे बच्चे झूठ बोलते नहीं है हां मतलब इस तरह की जबरदस्त ऊटपटांग कहानियां वो कैसे बना सकते हैं उम्मीद तो यही की जाती है और दूसरा साइंटिस्ट क्योंकि उनकी हर बात के पीछे कोई ना कोई साइंटिफिक लॉजिक होता है तो ऐसे व्यक्तियों के द्वारा कही गई बातों पर लोग बहुत जल्दी विश्वास कर लेते हैं यही है क्रेडिबल सोर्स इसके बाद आता है वाइट क्रिसमस इफेक्ट एंड ह्टिंग क्या मतलब है इस चीज का तुझे एक उदाहरण से समझो मान लो कि आप एक नई जगह पर गए हो वहां जाने से पहले किसी ने आपके कान भर दिए कि भैया वहां मत जाना वो है भूतों का ठिकाना और आप पहले से भी इस तरह की चीजों पर विश्वास करते हो अब वहां जाने के बाद इस बात की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं कि आपको अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई आए जैसे किसी के बोलने की या आपको पुकारने की या आपसे कुछ कहने की और देखो यह सब तब होगा जब चाहे वहां पर असलियत में कुछ भी ना हो इसका एक बढ़िया सा उदाहरण दूं जरा यह सुनो सुनसान अंधेरी जगह कपड़े लाइट हालत टाइट और तभी आपके कान में पीछे से आवाज आए बेटा ओ बेटा किधर तनिक परिचय दो इधर हां जी इसी को कहते हैं वाइट क्रिसमस यानी कि अगर है यकीन तो भाई साहब सब कुछ है मुमकिन साइकोलॉजिकल फैक्ट है रिसर्च से पता लगा है जिसका लंबा चौड़ा पर्चा भी छपा है पढ़ने के लिए मिल जाएगा आगे सुनो इसके अलावा वैज्ञानिकों ने भूतिया घटनाओं को नींद की कमी मानसिक और शारीरिक थकान मादक पदार्थों का सेवन दिमाग में केमिकल लोचा और एपेलेप्सी से भी जोड़कर देखा है अब मैं देखो बायो पे बोल बचन नहीं करूंगा आप इसके बारे में इंटरनेट पर पढ़ सकते हो अपन लोग आगे चलते हैं लेकिन इस जानकारी का सोर्स है एक रिसर्च पेपर जिसका टाइटल है सेंसरी डायनामिक्स ऑफ विजुअल हेलुसिनेशन इन द नॉर्मल पपुलेशन पढ़ने के लिए दे दूंगा आराम से खोजबीन करना उसमें आगे चलते हैं इसके अलावा रिसर्च से यह भी पता लगा है कि अगर घर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर ज्यादा हुआ तो वह कार्बन मोनोऑक्साइड पोइजनिंग करके दिमाग के तारों का सितार बजाकर आपको भूतिया चीजों का एहसास करने के लिए मजबूर कर देगी और यह अकेली नहीं है ऐसी चीजों का खानदान बहुत लंबा चौड़ा है आइए और बताता हूं आपने वीओसीस का नाम तो सुना ही होगा यानी वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स जो जनरली बच्चों में अस्थमावस्था के लक्षण ट्रिगर कर देते हैं ज्यादातर यह आपको कॉस्मेटिक आइटम में मिलेंगे भाई साहब यह भी दिमाग के साथ छेड़खानी करते हैं इसके अलावा मोल्ड यानी फंगस वगैरह कॉकरोचेस एस्बेस्टोस ये सारी वो चीजें हैं जो दिमाग का दही करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं और यहां पर कॉकरोच खाने की बात नहीं हो रही है वो तो चाइना में होता है मैं बात कर रहा हूं उस इन्फेक्शन की जो कॉकरोच फैलाते हैं अब जो कॉकरोच वगैरह खाते हैं उनका भूत भी क्या ही बिगाड़ लेगा आगे सुनिए आपने अक्सर सुना होगा कि पुरानी बिल्डिंग या हवेली वगैरह ज्यादातर सारे भूत इन्हीं चीजों से चिपके हुए बैठे रहते हैं लेकिन ऐसा क्यों वेल तो इसके पीछे भी एक साइंटिफिक लॉजिक है देखो दुनिया के दो सबसे बड़े लुटेरे यानी कि यूएस और यूके सबसे ज्यादा भूत इन्हीं देशों के लोगों को दिखाई देते हैं लेकिन ऐसा क्यों तो साइंटिस्ट ने इसके पीछे भी एक लॉजिक दिया है देखो यह जो अपने जमाने के बड़े लुटेरे थे इनके अमीर लोग अपने लिए बड़े-बड़े घर बनवाते थे यानी कैसल बनवाते थे अब क्योंकि इन देशों में ठंड सताती है तो यह लोग कैसल वार्मर्स गैस हीटर्स का इस्तेमाल करते थे अब जब इन देशों में यह भूतिया हरकतें बढ़ती ही चली गई तब सरकार ने अपना पैसा खर्च करके इसकी जांच पड़ताल शुरू करी और यह पता लगा कि भूतिया हरकतों के पीछे यही गैस हीटर्स हैं लेकिन कैसे आइए बताता हूं देखो गैस हीटर गैस को जलाकर हीट पैदा करते हैं लेकिन अगर इस गैस को जलाने के लिए प्रॉपर ऑक्सीजन ना मिले तो इनकंप्लीट कंबस्शन की वजह से कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ता जाएगा यह तो हो गया एक कारण अब दूसरा सुनो आजकल लोगों को बंद घर बनवाने का बड़ा शौक चढ़ गया है जिसका वेंटिलेशन प्रॉपर नहीं है तो भाई साहब इस केस में भी अगर दिमाग को साफ हवा नहीं मिलती है तो यह आपको भूतों के दर्शन करा देगा अब यही सेम चीज उन दूर दराज की हवेलियों और बड़े-बड़े घरों और बिल्डिंगों के साथ थी जो काफी पुराने जमाने में बनाई गई थी अब क्या हमारे पास इसका कोई सबूत है वेल बिल्कुल है यह रहा वो आर्टिकल जो इस चीज की पुष्टि करता है वीडियो के बाद में पढ़ लेना कहीं भागा नहीं जा रहा अब आगे सुनिए लेकिन मान लो हम गरीब हैं हमारे घर में हीटर नहीं है वेंटिलेशन भी बढ़िया है दरवाजा ही नहीं है खिड़की भी लगी है गरीबी में जीने कला है हम सिखाएंगे तुम्हें क्योंकि हम खानदानी गरीब हैं हमारा बाप गरीब दादा गरीब परदादा गरीब उसका बाप गरीब सब गरीब सातों पुष्टा गरीब हम शुद्ध गरीब हैं गरीबों गरीबों गरीबों मतलब ये कुछ ज्यादा ही गरीब नहीं हो गया पर मान लो चलो क्या जाता है अब जब इतना मान लिया तो अब यह सोचो अगर अब ऐसी हालत में किसी इंसान को भूतों के द्वारा पुकारने की आवाज आए तो भैया वो अब किसको दोष दे मतलब इसके पीछे भी कोई कारण हो सकता है क्या वेल बिल्कुल है सुनिए तो भैया काफी साल पहले एक रिसर्च पेपर पब्लिश हुआ था जिसका नाम था द फिजिक्स ऑफ फाल्स पोल्टर गेस्ट तो क्या लिखा था इस रिसर्च पेपर में अगर मोटा-मोटी बताऊं तो यह लिखा था कि ध्वनि यानी कि साउंड हमारे दिमाग को भ्रम की स्थिति में ला सकता है अरे वो कैप्टन अमेरिका में नहीं देखा था विंटर सोल्जर को अलग-अलग डायलॉग बोल के उसके दिमाग को रिप्रोग्राम कर दिया था साउंड बहुत पावरफुल होता है रियलिटी में बहुत पावरफुल होता है देखो इस पेपर के हिसाब से दरवाजे का चरमर की आवाज करना खिड़कियों का खड़खड़ाना यह कुछ ऐसे साउंड होते हैं जो दिमाग में भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं यहां तक कि इंफ्रासाउंड यानी के जो हमारी हेयरिंग रेंज से बाहर हैं यानी हेयरिंग रेंज से कम हैं वो हमारी आई बॉल्स यानी कि हमारी आंखों में वाइब्रेशन पैदा कर सकते हैं चलो ठीक है जी लेकिन इससे होगा क्या तो देखो भैया जब हमारी आंखों की गोलियां कुदकेंगी मतलब उछलेंगी तो आपको ऐसा लगेगा कि आपके बराबर में कोई खड़ा है मतलब दिखाई देता है ना वो आंख के कोने पर जैसे कि कोई झांक रहा है या देख रहा है ठीक बिल्कुल वैसा ही लेकिन जैसे ही आप मुड़ के देखोगे आपको कुछ भी दिखाई नहीं देगा तो यह वाला जो भ्रम होता है यह इंफ्रासाउंड के वाइब्रेशन की वजह से होता है 1998 में एक और रिसर्च पेपर पब्लिश हुआ घस्ट इन द मशीन हां जी मशीनों के भूत अब इस रिसर्च पेपर में यह पता लगा कि भैया किसी के घर में एक पंखा था जो कि लो फ्रीक्वेंसी के इंफ्रासाउंड प्रोड्यूस कर रहा था जिसकी वजह से घर में रहने वाले लोगों का भूतों से आए दिन मेल मिलाप होता ही रहता था जांच पड़ताल की गई तो पता लगा कि इस सब के पीछे पंखे का हाथ था जैसे ही पंखा गया घर से बाहर घर में यह भूतिया हरकतें बंद हो गई हां जी मशीनें भी नोटी होती हैं चलो वीडियो में आगे बढ़ते हैं अब जी नंबर आता है स्लीप पैरालिसिस का अब ये क्या चीज है तो देखो भैया यही है वो कारण जिसकी वजह से लोगों को भूत या एलियंस के द्वारा एबडक्ट किए जाने का हमेशा डर रहता है मतलब उदाहरण के लिए जब आप नींद में हाई एंगेजिंग या हाई एनर्जेटिक एक्टिविटी करते हो जैसे दौड़ना भागना उछलना और अगर यह सब नहीं करते हो तो मान लो कि आप भाग रहे हो और आपके पीछे शेर लगा है अब तो दौड़ोगे तो बस ऐसी स्थिति मान लो अब कभी कबभार ऐसा होता है कि आप नींद में इतना घबरा जाते हो कि आप तो उठना चाह रहे हो लेकिन भैया आपका शरीर इस पैरालिसिस मोड से बाहर आने को तैयार ही ना है अब मतलब आप उठ तो जाओगे लेकिन आपका शरीर आपका साथ नहीं देगा और ऐसी स्थिति में जो हेलुसिनेशन या भ्रम पैदा होगा यही आपको भूतों के दर्शन कराएगा अब देखो इसके ऊपर भी इंटरनेट पे बहुत सारे आर्टिकल अवेलेबल हैं आप कोई भी पढ़ लो सब में एक ही बात लिखी है अब हमने इतनी सारी जो माथापच्ची करी है इसका नतीजा क्या निकला अब देखो मैंने आपको जो भी बताया है इसमें एक समस्या है 100% पूरे दावे के साथ यह नहीं कहा जा सकता कि यह जो डाटा है यह पूरी तरह से अनबायस्ड है मतलब किसी चीज को डिनाई करना मना करना उसके अस्तित्व को नकारना यह इतना आसान नहीं है जितना कि बस कहने में लगता है तो देखो अगर बिल्कुल स्ट्रेट फॉरवर्ड शब्दों में कहूं तो हमारे आसपास ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो कि हमारे दिमाग के साथ कुछ भी लोचा कर सकती हैं कभी भी कर सकती हैं और दूसरा ये कि जितने भी लोग हैं जिन्होंने ये भूत प्रेत वाली घटनाएं एक्सपीरियंस करी हैं उनका ये एक्सपीरियंस बिल्कुल रैंडम था मतलब स्थिति परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि उन्हें ऐसा लगा कि कहीं पर कुछ तो लोचा है अब एकदम ऐसी स्थिति और परिस्थिति पैदा करना देखो ये तो मुश्किल काम है मतलब अगर इसे रेप्लिकेट करने की कोशिश करें दोहराने की कोशिश करें तो लगभग ये नामुमकिन है मतलब देखो अगर आप एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश भी करोगे तो एक डरावनी जगह तो बना लोगे लेकिन भाई साहब आत्मा ये कहां से लाओगे मतलब अपने प्रयोग के लिए किसी का मर्डर वर्डर करना यह ठीक तो ना लग रहा सुनने में ना यह नहीं करेगा तो जब आप एक्सपेरिमेंट कर नहीं सकते तो ऑब्जर्व क्या करोगे और भैया साइंस बिना एक्सपेरिमेंट और ऑब्जरवेशन के आगे बढ़ता ही ना है और यहीं पर सारा लफड़ा है मतलब अगर मैं अपने विचार रखूं तो मैं यह कहूंगा कि अगर भूत हैं तो विज्ञान इसे एक ना एक दिन तो जरूर साबित कर देगा अब यहां पर यह भी कहना जरूरी है कि आज भी ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास नहीं है तो यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप दोनों पक्षों में से किस पर यकीन करते हैं लेकिन अगर हमें यह जानना हो कि वाकई में भूत प्रेत है या नहीं है तो इसके लिए एक बेसिक सवाल का जवाब हमारे पास होना चाहिए और वो यह कि जब हम मरते हैं तो उसके बाद जिसे हम आत्मा कहते हैं या जो भी कुछ है वो एनर्जी उसका क्या होता है क्या विज्ञान को इसके बारे में कुछ पता है वेल बिल्कुल पता है और यही है हमारी नेक्स्ट वीडियो का टॉपिक आइए पता करते हैं कि मरने के बाद क्या होता है

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