This is Why unsolved, mysteries of earth is Going Viral
आज मनुष्य सवालों के जवाबों की खोज में चांद और मंगल ग्रह तक जा पहुंचा है लेकिन क्या हम धरती को ठीक से जानते हैं अगर हां तो हमारे पास इन सवालों के जवाब क्यों नहीं है कैसे एक नदी के ऊपर साल में लगभग 300 दिन लगातार बिजली गिरती रहती है ऐसा दुनिया में कहीं और क्यों नहीं होता कैसे एक जंगल के पेड़ अपने आप नॉर्थ डायरेक्शन में मुड़ गए क्यों एक जगह पर हमें ऐसी आवाज सुनाई देती है जिसे सुनकर कोई भी इंसान अपने दिमाग का संतुलन खो बैठे और कैसे जमीन से निकलने वाला गर्म पानी हर बार लगातार ठीक एक ही समय पर निकलता है क्या हमारी धरती के नीचे कोई घड़ी है जो लगातार चल रही है यानी हम कह सकते हैं कि मोटा मटी अपने पास चार सवाल हैं मतलब सवाल तो बहुत हैं आज की वीडियो में चार सवाल हैं बिजली गिरने का कारण जंगल की अजीब आकृति सुनाई देने वाला भूतिया वाइब्रेशन और जमीन के नीचे चलती हुई घड़ी आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब ये है वेनेजुएला की एक नदी लेक मारा काइबो इसे दुनिया के लाइटनिंग कैपिटल भी कहते हैं यहां साल के 365 दिन बिजली गिरती है दुनिया में ऐसा कहीं और क्यों नहीं होता ये घटना सिर्फ यहां पर ही क्यों हो रही है अक्सर ऐसा माना जाता ता था कि कभी भी बिजली एक जगह पर दो बार नहीं गिर सकती जिस बात को इस जगह ने बिल्कुल गलत साबित कर दिया यहां एक ही जगह पर लगातार बार-बार बिजली गिरती ही रहती है पर ऐसा क्यों होता है क्या वैज्ञानिकों के पास इस बात का कोई जवाब है तो इसका जवाब है नहीं वैज्ञानिकों को आज तक यह समझ में नहीं आया कि यह घटना क्यों हो रही है इसके पीछे क्या कारण है
और यह सिर्फ इसी जगह पर क्यों घट रही है और इसी रहस्य की वजह से नासा ने इस जगह को वर्ल्ड का लाइटनिंग हॉटस्पॉट डिक्लेयर कर दिया है पर भैया स्पेस के ठ देदार के द्वारा दिए गए इस तमगे का मतलब क्या है तो भैया नासा के अनुसार अगर निकलोगे इस जगह के आरपार तो ये कड़कड़ाती हुई बिजली फ्राई कर देगी पर जितनी हमें विज्ञान की समझ है उसके हिसाब से अगर लाइटनिंग को लाइटनिंग रॉड मिल जाए तो ये उसके रास्ते धरती में चली जाएगी क्या धरती पर ऐसी नेचुरल जगह है जो लाइटनिंग रोड की तरह काम कर रही हैं क्या पता हो भी सकती है यह घटना तो इसी बात की तरफ इशारा कर रही है लेकिन इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि हमारे जैसे कुछ आम इंसानों पर दूसरों के मुकाबले बिजली गिरने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं इसका तो जीता जागता सबूत भी मौजूद है जुलाई 1992 आर्मी स्पेशलिस्ट बेथ पीटरसन एक गोला बारूद के डिपो के पास काम कर रही थी अचानक से मौसम खराब होता है और डिपो के चारों तरफ की गई तारबंदी पर बिजली गिर जाती है और इसके बाद बिजली सीधा इनके ऊपर गिरती है लेकिन यह फिर भी जिंदा बच जाती हैं और कमाल की बात यह है कि इन पर बिजली एक बार नहीं बल्कि दो बार गिरी थी लेकिन जब पहली बार इनके ऊपर बिजली गिरती है तो वो इनके शरीर में कुछ ऐसे बदलाव कर देती है जिस विज्ञान समझ नहीं पाया बेथ पीटरसन को इस बात का एहसास धीरे-धीरे होता है कि अब उनका शरीर पहले की तरह व्यवहार नहीं कर रहा बल्कि इसमें बदलाव आ चुके हैं क्योंकि ये घटना क्रिसमस के आसपास की थी तो जब ये क्रिसमस ट्री को सजा रही थी तो उस पर की गई सजावट लगभग 6 फीट हवा में उड़कर इनकी तरफ अपने आप खींची चली आई जिसका कारण स्टैटिक चार्ज हो सकता है इसका और कोई भी जवाब विज्ञान के पास नहीं है लाइट स्विच को ऑन करने पर इन्हें शौक लगने लगे दरवाजे के हैंडल से शौक लगने लगे इनके बाल लगातार स्टैटिक चार्ज की वजह से खड़े होने लगे ये धीरे-धीरे इस चीज को एक्सेप्ट कर ही रही थी कि जुलाई 1993 में इनके ऊपर बिजली दोबारा गिर जाती है पर ये फिर भी बच गई उस दिन मौसम खराब था ये अपने घर का फ्रंट डोर खोल के बाहर झांक ही रही थी कि बिजली सीधा इनसे आकर टकराई इनके ऊपर बिजली दो बार गिरी लेकिन ऐसा क्यों इसका जवाब वैज्ञानिकों के पास नहीं है इनके शरीर में आए हुए बदलावों का भी जवाब अभी तक विज्ञान नहीं दे पाया क्या कुछ लोग ऐसे हैं जिन पर बिजली गिरने की संभावनाएं औरों के मुकाबले ज्यादा होती हैं अगर हां तो हमें यह बात कैसे पता लगेगी कि कहीं हम उन लोगों में से तो नहीं वेल इसका जवाब भी विज्ञान के पास नहीं है तो आखिर विज्ञान के पास जवाब किस चीज का है तो ऐसी चीजों का जिनसे आम लोगों को ज्यादा फर्क पड़ता ही नहीं है ऐसा कहा जाता है कि हमारा शरीर लगभग 70 पर पानी से बना है और पानी एक कंडक्टर है तो क्या वेनें जुला की नदी लेक मारा काबो की तरह इंसान भी लाइटनिंग कंडक्टर हो सकते हैं क्योंकि यह घटना तो इसी बात की तरफ इशारा कर रही है अब इनके शरीर में इतने बदलाव आ चुके हैं कि चाहे यह कहीं पर भी हो यह मौसम में हो रहे बदलाव को महसूस कर लेती हैं उसके बदलने से पहले ही महसूस कर लेती हैं मौसम में बदलाव होने से पहले इनके हाथों और गर्दन के आसपास के बाल अजीब तरीके से व्यवहार करने लगते हैं और यह समझ जाती हैं कि मौसम खराब होने वाला है जैसे बेथ पीटरसन अपने ऊपर दो बार बिजली गिरने के कारणों के बारे में जानना चाहती हैं ठीक इसी तरह से सेंट्रेलिया पेंसिल्वेनिया के लोग अपने घरों की जमीन के नीचे लगातार 50 साल से भी पहले से जल रही आग के कारणों का पता करना चाहते हैं एक समय था जब इस शहर में लगभग 2000 से भी ज्यादा लोग रहते थे और आज यह सुनसान और वीरान पड़ा है पर यह फटे हाल और बेहाल कैसे हो गया सेंट्रेलिया एक माइनिंग टाउन था यानी खदान के ऊपर बसा हुआ शहर और आज के समय इसे घोस्ट टाउन कहा जाता है यानी भूतों का शहर दिन था 14 फरवरी 1981 का 12 साल के टॉड डंबो स्की अपने गार्डन में से जमीन के नीचे से धुआं आता हुआ देखते हैं उसके पास जाकर जांच पड़ताल करने की कोशिश करते हैं और अचानक से उस गड्ढे के अंदर धस जाते हैं जिसमें से लगातार स्टीम निकल रही थी हालांकि उनकी जान बच गई क्योंकि उन्होंने उस गड्ढे के अंदर एक पेड़ की जड़ को पकड़ लिया और इस घटना के बाद सेंट्रेलिया उस समय के अखबारों में चर्चा का विषय बन गया था और अब बारी थी इस अजीब व्यवहार के पीछे के कारणों का पता करने की और इसके पीछे का कारण था इस शहर के नीचे कोयले की खदान में लगी हुई आग जो कि जानबूझकर लगाई गई थी और यह मान लिया गया था कि यह आग बुझ चुकी है पर यह कभी बुझी ही नहीं थी जैसा कि मैंने पहले बताया कि यह कोल माइन के ऊपर बसा हुआ शहर था इस शहर में आए हुए ज्यादातर लोग माइनिंग के काम से ही जुड़े हुए थे तो उन्होंने अपने रहने के लिए आसपास की जगहों पर घर बना लिए अब देखिए जहां पर शहर होगा तो कूड़ा भी निकलेगा अब इस कूड़े को इस्तेमाल हो चुकी कोल माइन के अंदर भर दिया गया यानी लैंडफिल तैयार किया गया लेकिन सेंट्रेलिया की लोकल अथॉरिटी इसको इल्लीगल करार दे देती हैं और इस भरे हुए कूड़े में आग लगा देती हैं जो कि एक नॉर्मल प्रक्रिया है हमारे देश में भी ऐसा होता है अब आग लगाकर सारा कूड़ा जलाने के बाद उस पर पानी डाल दिया जाता है और यह मान ली दिया जाता है कि आग बुझ चुकी है लेकिन आग बुझी नहीं थी वो धीरे-धीरे कोयले की खदान तक जा पहुंची और बहुत जल्दी ही जमीन के नीचे से धुएं निकलने लगे गर्मी की वजह से रोड पिघलने लगी और टूट के बिखर गई सेंट्रेलिया के लोग इकट्ठे होकर लोकल गवर्नमेंट बॉडी के पास गए और उनसे जवाब मांगा कि वह कब तक इस तरह से डर के साय में जिएंगे सरकार इस आग को बुझाने के लिए क्या कर रही है सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए उन्होंने कह दिया कि यह आसान काम नहीं है और वो पूरी कोशिश कर रहे हैं और इसके बाद सेंट्रेलिया के लोग अपने घरों को बेच बेच कर वहां से जाने लगे अब कोई उनके घर क्यों खरीदेगा तो थक हार कर सरकार को ही वो जगह खरीदनी पड़ी सेंट्रेलिया के लोग दूसरी जगहों पर जाकर बसने लगे और ये आग आज भी लगातार जल रही है इसे बुझाया नहीं गया है कोशिश बहुत हुई लेकिन ये बुझ ही नहीं रही पर कैसे हम तो जानते हैं कि आग किस तरह से लगती है उसको फ्यूल चाहिए ऑक्सीजन चाहिए इग्निशन टेंपरेचर चाहिए तो अगर हम इन चीजों की सप्लाई को काट दें तो क्या आग बुझ नहीं सकती विज्ञान ने तो यही बताया है है अगर आप यह सोच रहे हैं तो सेंट्रेलिया के केस में यह सारी चीजें फेल हो गई सरकार ने जमीन में बड़े-बड़े गड्ढे किए सेंट्रेलिया को चारों तरफ से घेर लिया हजारों लीटर पानी भर दिया गया माइंस को हर तरफ से सील कर दिया गया ताकि कहीं से भी हवा खदानों के अंदर ना जाए हर एक गड्ढे को चुन-चुन कर भरा गया लेकिन फिर भी आग बुझ नहीं पाई क्या हम सच में फायर को समझते हैं और क्योंकि विज्ञान इसको बुझाने में नाकामयाब हो गया था तो इसे नर्क की आग कहा गया सेंट्रेलिया की जमीन पर लगा हुआ जंग पूरी तरह से उजड़ गया क्योंकि पेड़ों की जड़ों को जमीन से निकलने वाली गर्मी और आग ने पूरी तरह से खत्म कर दिया तो आखिर यह आग कब तक जलेगी कोई कहता है 100 साल कोई 200 पर किसी को भी इसका सही जवाब नहीं पता और ये वो अकेला सवाल नहीं है जिसके जवाब हमें नहीं मालूम बल्कि ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका जवाब आज भी ढूंढा जा रहा है जैसे पोलैंड का एक जंगल जहां पे हर एक पेड़ यानी उस जंगल का पेड़ और वो जंगल है पाइन ट्रीज का अपने यहां पर हम पाइन ट्री को देवदार का पेड़ कहते हैं तो भैया इस जंगल का हर पेड़ अपने आप ही मुड़ गया है नॉर्थ डायरेक्शन में मुड़ गया है पर कैसे और क्यों इस तरह का जंगल दुनिया में और कहीं भी क्यों नहीं है पेड़ सीधे उगते हैं बड़े होते हैं और अचानक से मुड़ जाते हैं नॉर्थ डायरेक्शन में मुड़ जाते हैं एक दो ऐसा पेड़ होता तो समझ में भी आता यहां तो पूरा जंगल ही मुड़ गया है क्या ये ग्रेविटी है या पेड़ों में जेनेटिक बदलाव हमारे पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं एक एक्सप्लेनेशन दी गई थी वो ये कि जब ये पेड़ लगाए गए तब इनको जानबूझकर इस तरह से बड़ा किया गया ताकि ये मुड़ जाएं और बड़े होने पर इनकी लकड़ी को काटकर बड़े-बड़े जहाज बनाए जाएं क्योंकि ये लकड़ी पहले से ही मुड़ी होगी तो इसे भाप की मदद से गर्म करके मोड़ना नहीं पड़ेगा लेकिन जिन्होंने ये जंगल लगाया आखिर वो गए कहां क्योंकि इस तरह के एक पेड़ को बड़ा होने में लगभग 10 साल का समय लगता है और अगर यह जंगल वाली थ्योरी सही है तो आज जो नए पेड़ यहां पर उगते हैं वो अपने आप टेढ़े क्यों हो रहे हैं या ये पेड़ जानबूझकर किसी कारण की वजह से इस तरह से अपने अंदर बदलाव ला रहे हैं वेल एक नई रिसर्च से यह पता लगा है कि बिना दिमाग के होते हुए भी पेड़ बहुत इंटेलिजेंट हैं जमीन के नीचे जाती हुई इनकी जड़ें एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं और कम्युनिकेशन का माध्यम बनती हैं यह विचित्र बात है लेकिन सच यही है विज्ञान इस चीज को मान चुका है अब अगर जो वैज्ञानिक सोच रहे हैं यह बात सही है तो यह हमारी सोच को पूरी तरह से बदल देगा और शायद इस नए सवाल का जवाब भी दे दे जो अब मैं आपको बताने वाला हूं यानी एक ऐसा शोर ऐसा वाइब्रेशन जिसे सुनकर लोग अजीब तरीके से व्यवहार करने लगते हैं कौन इस साउंड को पैदा कर रहा है क्यों कर रहा है कब से कर रहा है और कैसे यह लोगों के सुख चैन का दुश्मन बन गया समय था 2011 का ओंटारियो यानी कनाडा एक दिन अचानक से लोग एक अजीब वाइब्रेशन सुनने लगते हैं उनके घरों की खिड़कियां हिलने लगती हैं और ऐसा एक दो लोगों के साथ नहीं हो रहा था बल्कि पूरे शहर में लोग परेशान थे इस घटना को पूरी दुनिया विंसर हमिंग साउंड के नाम से जानती है विंसर में सुनाई देने वाला यह साउंड बहुत ही लो फ्रीक्वेंसी का है लेकिन इसका दिमाग पर बड़ा जबरदस्त असर पड़ता है अक्सर लोगों ने बताया कि यह साउंड सुनाई देने पर वो अजीब अजीब हरकतें करने लगते हैं और व ऐसा क्यों करते हैं इसका जवाब उनके पास नहीं है कभी तो यह आवाज दो-तीन घंटे के लिए सुनाई देती है कभी पूरे दिन के लिए और कभी तो हफ्तों तक ऐसे ही सुनाई देती रहती है लो फ्रीक्वेंसी का यह साउंड दरवाजों और खिड़कियों के साथ रेजोनेंट रखे हुए सामानों को भी वाइब्रेट करने पर मजबूर कर देता है ये सारी चीजें इकट्ठी होकर किसी के भी दिमाग में कीर्तन कर सकती हैं इसकी वजह से लोग रात को सो नहीं पा रहे थे यहां तक कि डॉक्टर्स और साइंटिस्ट भी इसको एक्सप्लेन नहीं कर पा रहे थे जब लोग बहुत ज्यादा परेशान हो गए तो उन्होंने ओंटारियो की लोकल गवर्निंग बॉडी का कॉलर पकड़ लिया और उनसे कहा हमें इस चीज से छुटकारा दिलाओ अब भैया कनाडा ने अपने वैज्ञानिक इंजीनियर डॉक्टर जो भी रिसोर्सेस उनके पास थे इस चीज का पता करने में लगा दिए पर उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ तो कनाडा की सरकार ने इस आवाज के पीछे के कारणों का ठीकरा अमेरिका के सर पर फोड़ दिया कनाडा की गवर्नमेंट ने अपने लोगों से यह कहा कि ये आवाजें अमेरिका की मिशिगन स्टेट में स्थित जग आइलैंड से आ रही हैं अब जग आइलैंड था एक फैक्ट्री एरिया जहां पर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज लगी हुई थी तो कनाडा की सरकार का यह कहना था कि जग आइलैंड पर चलती हुई मशीनस लो फ्रीक्वेंसी पर ऐसी आवाज प्रोड्यूस कर रही हैं जो पानी के रास्ते होते हुए विनसर में लोगों को सुनाई देती हैं मतलब कोई सेंस बनता है इस बात का मतलब कैनेडियन गवर्नमेंट यह कहना चाह रही है कि भैया अमेरिका वालों ने ऐसी मशीन बना रखी है जो जमीन के साथ रेजोनेंस की वजह से जो कि लो फ्रीक्वेंसी का है विनसर में इस तरह की आवाजें सुनाई आ रही हैं और जब ये वाइब्रेशन विंसर पहुंचता है तो विंसर में जो चीजें हैं ये उनके साथ रेजोनेंस हो जाता है और उनके पास इसका कोई इलाज नहीं है मतलब कमाल हो गया पश्चिमी देशों के पास समस्याओं के इलाज नहीं है क्यों भैया जो लोग मिसाइल से समस्याएं सुलझा हैं बिना मतलब ही किसी देश की छाती पर चढ जाते हैं उनके पास इस समस्या का समाधान नहीं है मेरे से ले लो एक मिसाइल का मुंह अमेरिका की तरफ घुमाओ और जग आइलैंड पर टपका हो ना रहेगा आइलैंड ना होगा वाइब्रेशन आपस में नहीं लड़ेंगे पूरी दुनिया को लड़ा देंगे लेकिन ना लायक कहीं के ये जो कनाडा है ना ये अमेरिका और ब्रिटेन इन तीनों ने मिलकर प्रोजेक्ट एमके अल्ट्रा चलाया था यानी अपने ही नागरिकों पर एक्सपेरिमेंट किए थे ड्रग्स देकर दवाइयां देकर टॉर्चर करके यह क्या करते हैं क्यों करते हैं इनकी किसी भी बात पर यकीन होता ही नहीं है होगा भी कैसे हरकतें ही ऐसी है इनकी अब कैनेडियन अथॉरिटीज ने विनसर में रहने वाले लोगों से यह कहा कि भैया अब तो यह साउंड ऐसे ही सुनाई देगा हम कारणों का पता लगा रहे हैं जैसे अमेरिका पता लगा रहा था येलो स्टोन नेशनल पार्क में जमीन से निक चलते हुए गर्म पानी के फवारा के कारणों का लगभग पूरी दुनिया से 40 लाख लोग हर साल इस जगह पर आते हैं क्योंकि यहां पर कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो दुनिया में और कहीं नहीं है वैसे तो यहां पर देखने लायक बहुत सारी चीजें हैं लेकिन एक चीज है जो सबसे अलग है और वो है एक गाइजर यानी एक ऐसी जगह जो जमीन से सुपर हीटेड पानी को हवा में लगभग 150 फुट की ऊंचाई तक उछाल देता है लेकिन ये कमाल की चीज नहीं है कमाल है ये कि ये बिल्कुल घड़ी के सेकंड के कांटे के हिसाब से रेगुलर इंटरवल पर इस तरह से पानी फेंकता है एक दो सेकंड ऊपर नीचे हो सकते हैं लेकिन यह लगातार ठीक एक ही समय पर इस तरीके से गर्म पानी फेंकता ही रहता है और क्योंकि यह समय से बंधा हुआ है इसलिए इसका नाम है ओल्ड फेथ फुल गाइजर ये इतना सटीक है कि आप स्टॉप वॉच लगाकर इसके पानी फेंकने का अगला समय प्रिडिक्ट कर सकते हैं क्या यह सारी चीजें जानने के बाद भी हम यह कह सकते हैं कि हम पृथ्वी को पूरी तरह से समझ चुके हैं वेल मुझे ऐसा नहीं लगता लोग इसे देखकर बड़े खुश होते हैं वैज्ञानिकों के पास इसका कोई जवाब नहीं कि यह लगातार फिक्स इंटरवल पर ही इस तरह से पानी बाहर क्यों फेंकता है क्या ये एक नॉर्मल घटना है या हमारी धरती की कोई इंटरनल क्लॉक है जो हर बीतते हुए सेकंड के साथ इशारा कर रही है कि जब यह घड़ी रुकेगी तो धरती अपने आप को दोबारा रिसेट करेगी यानी एक और एक्सटिंक्शन और यह बात कहने के पीछे कारण भी है क्योंकि येलो स्टोन के नीचे 44 मील चौड़ा सुपर मैसिव वोल्केनो है यह सुपर मैसिव वोल्केनो इतना ताकतवर है कि अगर यह धरती से निकल आया तो आधे अमेरिकन कॉन्टिनेंट को निपटा देगा और इसके बाद इस वोल्केनो के जो परिणाम होंगे वो उस एस्टेरॉइड के इंपैक्ट से भी ज्यादा भयानक होंगे जिसने पृथ्वी पर डायनासोर्स का सफाया कर दिया था वैज्ञानिकों के पास पृथ्वी के इतिहास से जुड़ा हुआ जितना डाटा है उसके हिसाब से इस तरह के वल्केन इरप्शन अब तक तीन बार हो चुके हैं और यह बात भी तय है कि चौथा जरूर होगा कभी भी हो सकता है आखिर हम क्या जानते हैं धरती के बारे में जब भी हमें ऐसा लगता है कि हमने सब कुछ जान लिया तब तब प्रकृति हमें याद दिलाती है कि हम उतने भी बुद्धिमान नहीं जितना हम अपने आप को समझ बैठे हैं पर हम मनुष्य हैं और हमारा काम ही है सवालों के जवाब ढूंढना और यही चीज हमें आगे भी जिंदा रखेगी मिलते हैं .
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